एक इन्सान की ज़िन्दगी शुरू होती है जब वो जन्म लेता है बचपन सबसे प्यारा गुजरता है, क्यूंकि समझ बहुत कम होती है लेकिन कई अच्छी और बुरी बातें याद रह जाती हैं -अधिकतर विकास व्यक्तिव का बचपन में ही हो जाता है ,फिर युवावस्था में प्रवेश लेते ही दुनिया बहुत खूबसूरत हो जाती है और सबकुछ या तो बहुत ज्यादा अच्छा लगने लगता है या बहुत ज्यादा बुरा -इस उम्र में हर बात का ज़्यादा मात्रा में होना ज़िन्दगी की रफ़्तार बड़ा देता है ,समय कब हाथ से निकल जाता है पता ही नहीं चलता | कुछ युवा इसी अवस्था में भटक जाते है, तो कई को सही राह मिल जाती है ,कई अपने भविष्य के लिए तैयार हो जाते है - यह सब आपके मार्गदर्शन ,आपके शिक्षक ,आपके पालक और सबसे ज्यादा आप पर निर्भर करता है की आपका झुकाव किस तरफ है | क्यूंकि आपका शरीर एक मशीन है जिसके नियंत्रण का बटन आपके मस्तिष्क में है और एक्सेलरेटर आपका दिल है | अब यह आपको ही निर्धारित करना है की करना क्या है ? किन्तु युवा वस्था में कई बार सोचने समझने की शक्ति ख़त्म हो जाती है जिससे सही निर्णय नहीं हो पाते -और यही वो समय होता है जब आपका अपने ऊपर नियंत्रण होना और सही गलत का समझना बहुत ज़रूरी होता है | इसके बाद आप अपनी संघर्ष की ज़िन्दगी में कदम रखते हैं जिसमे नौकरी की चिंता सबसे ज्यादा होने लगती है ,फिर जब तक नौकरी न लगे यह संघर्ष चलता ही रहता है| नौकरी मिलने पर स्थायित्व आता है अब जिनको अपना लक्ष्य पता है उनकी ज़िन्दगी में स्थायित्व थोड़ा जल्दी आ जाता है और बाकी की ज़िन्दगी में थोड़ा देर से मगर लक्ष्य एक हो तो सभी को स्थायित्व मिल जाता है | फिर सब कुछ सामान्य रूप से चलता है | लेकिन कई बार इस पूरी यात्रा में , कोई लड़की ,लड़का ,दोस्त ,रिश्ते ऐसे मिलते हैं जो कहीं न कहीं आपको तकलीफ दे जाते है ,जिनके कारण शायद आपको कई बार कई परेशानियौं का सामना भी करना पड़ता है ,तो ज़रूरी है की युवावस्था तक अपने आप को इतना परिपक्व कर लें की आने वाली चुनौतियों को ख़ास तौर पर जो व्यक्ति विशेष के रूप में आती हैं उन्हें समझ कर और उनका सामना कर सकें | शायद एक परेशानी का उपाय करना आसान है लेकिन कुछ व्यक्ति या उनके विचारों से लड़ना मुश्किल हो जाता है ,जो आपके ऊपर भी सबसे ज्यादा प्रभाव डालते है ,उनका सामना करना आपको आना चाहिए और अगर कोई ऐसा है जिससे आपकी रुपरेखा मेल नहीं खाती या जिसके आने या होने से आपका मन विचलित हो जाये और आपको बार बार दुःख पहुंचाए ,तब ऐसे व्यक्ति को अपनी ज़िन्दगी से दूर करना ही सबसे बेहतर उपाय है | इसमें बिलकुल अपने लिए विचार रखने की ज़रुरत नहीं की आपने उसे अपनी ज़िन्दगी से दूर कर दिया या निकाल दिया तो शायद मैंने अच्छा नहीं किया ? लोग क्या सोचेंगे ? रिश्तेदार क्या बोलेंगे ? यह सब विचार आपके मस्तिष्क में आना जायज़ है किन्तु एक ही व्यक्ति के कारण बार बार आप उसी मुश्किल या दुःख का सामना करते है ,जिसका कोई अंत नहीं ,तो बिलकुल अपने दिल की सुनिए क्यूंकि अपने आप को खुश रखना आपका सबसे पहला काम है ,तभी आप अपने परिवार को भी खुश रख सकेंगे |
सही समय पर सही निर्णय लेना
बुद्धिमत्ता है ,आपकी ज़िन्दगी की किताब से एक पन्ना
निकलेगा तो कई जुड़ जायेंगे | कई लोगो से मिलकर आपको बहुत कुछ सीखने को भी मिलता है ,किसी को आप कुछ सिखा देते है ,इसलिए हर व्यक्ति का आपकी ज़िन्दगी में आना एक मकसद है जिससे आप बहुत
कुछ सीख जातें है और आपकी किताब में एक पन्ना और जुड़ जाता है - उस व्यक्ति के नाम का
| तो निराश नहीं होना सबकी अपनी काबिलियत
है ,अपना औरा है ,अपनी प्राथमिकताएँ है...........अपनी एक नयी सोच है , इसलिए अपने हिसाब से अपनी ज़िन्दगी को स्वरुप दीजिये और उसके हर भाग में सुंदर रंग भरिये फिर जो
चित्र बनेगा वह आपकी खूबसूरत ज़िन्दगी होगी | ठीक उसी तरह अपने पसंद के व्यक्ति को अपनी ज़िन्दगी में जोड़िये ,एक खुशबू वाले फूल के तरह और पसंद न हो तो उठा कर अलग रख दीजिये
क्यूंकि आपको अपनी ज़िन्दगी का चित्र खूबसूरत ही बनाना है |
बहुत खूबसूरत लेख
ReplyDeleteधन्यवाद
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