Skip to main content

सोशल साइट्स या दोस्त


 

आज के इस दौर में यह बहुत अच्छा है की लोग सोशल साइट्स को बहुत अच्छी तरह से इस्तेमाल कर रहे हैं  खास तौर पर फेसबुक और व्हाट्स एप |सोशल साइट्स का उपयोग करते करते लोग यह समझ बैठे हैं की उनके सारे दोस्त यही हैं और यही उनकी दुनिया |जैसे जीवन फेसबुक और व्हाट्स एप पर ही जी  रहे हैं ,घर बन गया है |पर क्या आप जिन लोगों से जुड़े हैं उनसे आप अपने दिल की बात ,परेशानी ,तकलीफें बता पाते हैं ,जवाब आएगा नहीं | इसलिए  आपके आसपास कम से कम दो लोग ऐसे होने चाहिए जिन्हें आप सच्चाई बता सके ,जिनसे आप अपने मन की बात कर सके | क्यूंकि सच्चे दोस्त से अपने दिल की बात कर लेने से आपके दिल को सुकून और ख़ुशी मिलेगा साथ ही आपकी समस्या का सही समाधान भी जो सोशल साईट पर नहीं | सोशल साइट्स पर ज़्यादातर लोग अपने आप को खुश और सफल साबित करना चाहते हैं और यह भी चाहते हैं की ज्यादा से ज्यादा लोग उन्हें पसंद करें | बहुत अच्छी बात है की लोग आपको पसंद करते हैं, लेकिन दूसरों को देखकर अपनी तुलना उनसे करना और उन्ही के जैसा बनना बिलकुल गलत है | आप सोशल साइट्स का उपयोग करिए लेकिन अपनी खूबी को प्रदर्शित करने के लिए  ,यह ज़रूरी नहीं की सभी आपको पसंद करें क्यूंकि किसी भी व्यक्ति को कोई भी व्यक्ति पूर्ण रूप से पसंद नहीं कर सकता  या यह बोल सकते है की कोई भी आपसे पूरी तरह  संतुष्ट नहीं हो सकता या आप भी किसी को पूरी तरह संतुष्ट नहीं कर सकते | यह कर पाना या होना दोनों के बारे में सोचना ही गलत  होगा | मगर सिर्फ इतना ध्यान रखिये इस दुनिया में अगर कहीं आप पेरशान या किसी मुश्किल का सामना कर रहे हैं तो आप सबसे पहले अपने उन दोस्तों से बात करिए  जो आपके सबसे करीब हो ,यह मत सोचिये की वो क्या सोचेगा | क्यूंकि मुश्किल में कभी कभी व्यक्ति बहुत अकेला महसूस करता है और कुछ ऐसे निर्णय ले लेता है, जो उसके और उस से जुड़े परिवार के लिए सही नहीं होते | इसलिए यह बहुत ज़रूरी है ,की आप खुल के ,अच्छा बुरा सोचे बिना अपने दिल की बात अपने दोस्त को ,बीवी या पति को,माँ बाप को ,या किसी ऐसे व्यक्ति से कहें जिससे आपका रोज़ का मिलना हो | कोई मुश्किल इतनी बड़ी नहीं होती जिसका समाधान न हो और जिसके लिए आपको अपनी जिंदगी से मुह मोड़ना पड़े | इसलिए सभी को किसी न किसी से अपनी सच्चाई ;अपनी परेशानी ज़ाहिर ज़रूर करना चाहिए , निश्चित ही आपको उपाय मिलेगा मगर आपकी ज़िन्दगी आपके और आपसे जुड़े लोगो के लिए बहुत महत्वपूर्ण है ;उसे संभाल कर रखिये |


Comments

Post a Comment

Popular posts from this blog

बनाए ज़िंदगी को खूबसूरत

  एक इन्सान की ज़िन्दगी शुरू होती है जब वो जन्म लेता है बचपन सबसे प्यारा गुजरता है, क्यूंकि समझ बहुत कम होती है लेकिन कई अच्छी और बुरी बातें याद रह जाती हैं -अधिकतर विकास व्यक्तिव का बचपन में ही हो जाता है , फिर युवावस्था में प्रवेश लेते ही दुनिया बहुत खूबसूरत हो जाती है और सबकुछ या तो बहुत ज्यादा अच्छा लगने लगता है या बहुत ज्यादा बुरा -इस उम्र में हर बात का ज़्यादा  मात्रा   में होना ज़िन्दगी की रफ़्तार बड़ा देता है , समय कब हाथ से निकल जाता है पता ही नहीं चलता | कुछ युवा इसी अवस्था में भटक जाते है , तो कई को सही राह मिल जाती है  , कई अपने भविष्य के लिए तैयार हो जाते है -  यह सब आपके मार्गदर्शन , आपके शिक्षक , आपके पालक और सबसे ज्यादा आप पर निर्भर करता है की आपका  झुकाव किस तरफ है | क्यूंकि आपका शरीर एक मशीन है जिसके नियंत्रण का बटन आपके मस्तिष्क में है और एक्सेलरेटर आपका दिल है |  अब यह आपको ही निर्धारित करना है की करना क्या है ? किन्तु युवा वस्था में कई बार सोचने समझने की शक्ति ख़त्म हो जाती है जिससे सही निर्णय नहीं हो पाते -और यही वो समय होता है जब आपका ...

प्रिय माँ

  प्रिय माँ   , आपका बच्चा आपकी ज़िन्दगी है , जीने की वजह है और आज के इस युग में एक माँ के लिए सबसे बड़ी चुनौती भी | लड़की हो या लड़का आज का बच्चा बहुत बुद्धिमान है उसे ज़रुरत है बुद्धिमान और हर कार्य में सक्षम माँ की   | इसलिए आज और अभी से आपको अपने स्वरुप को बदलना होगा   , खास तौर पर एक गृहणी को ......आज तक एक गृहणी को घर के काम करना और खाना बनाना एवं बच्चों की देखरेख करना , सभी परिवारजनों का ध्यान रखना एक शब्द में कहें तो घर की प्रबंधक के रूप में जाना जाता है   | किन्तु अब समय आ गया है अपने स्वरुप को बदलने का इसके लिए सबसे पहले अपनी   दिनचर्या पर ध्यान दें , आप देखेंगी की ज्यातर समय आपका   रसोई , कपडे धोना , बर्तन इत्यादि सभी कामों में जाता है , फिर भी ज़्यादातर समय स्त्रियों   का रसोई में ही गुज़रता है , सुबह से लेकर शाम और फिर रात यह ज़रूरी नहीं की आप गृहणी है तो सारा वक़्त रसोई में और घर के बाकि कार्यों में   बिताएंगी | जब तक आप माँ नहीं बनी तब तक ठीक है परंतु    माँ बनने के बाद आप एक नयी ज़िन्दगी के साथ जुड़ जाती हैं जो आपको भी एक नया...

लड़की का आत्मविश्वास -हमारा समाज

  हमारे समाज में यह माना जाता है , की लड़की का असली घर उसके पति का घर होता है | अधिकतर लड़कियां ससुराल को अपना घर समझ कर रहती हैं और अपने परिवार , भाई बहन , और प्यार जो उन्हें बचपन से मिला है , सबको छोड़कर अपने ससुराल के लिए समर्पित हो जाती हैं | लेकिन क्या उन्हें ससुराल में वो प्यार मिलता है ? वो इज्ज़त मिलती है , जिसकी वो हक़दार हैं ? आज के इस युग में अभी भी कई शहरों में लगभग ७०% लड़कियों को वो प्यार , वो सम्मान नहीं मिल पा   रहा है जिसकी वो हकदार हैं | माननीय समाज , कई ऐसी लड़कियां हैं जो शादी के बाद अलग अलग परेशानियों का सामना कर रही हैं , तो क्या जीवन भर उन्हें इस रिश्ते को बोझ की तरह निभाना चाहिए , जिसमे न तो प्यार है और न ही सम्मान ? क्या उन्हें वापस अपने माँ बाप के साथ सर उठा कर जीने का हक है ? या क्या वह अपनी एक नयी ज़िन्दगी शुरू कर सकती हैं ? जब एक लड़की जन्म लेती है , तभी से उसे सिखाया जाता है की बड़े होकर तुम्हे अपने घर जाना है "पति का घर " और सबका ध्यान रखना है , वही तुम्हारा घर है , माँ बाप हमेशा अपनी लड़की को यही कहकर बड़ा करते हैं की हम तो सिर्फ जन्म देने वाले हैं पर तुम्...